इराक: शहर की खुदाई करते वक्त महल और कई विशालकाय इमारतों की खोज की

दिल्लीः इराक में भयानक गर्मी से देश का सबसे बड़ा जलाशय सूख गया है।. प्रकृति के इस भयानक रूप ने एक ऐतिहासिक खोज को जन्म दिया है. जलाशय के सूखने से उसके नीचे से एक 3400 साल पुराना शहर बाहर निकला है. कुर्द और जर्मन पुरातत्वविदों ने जनवरी और फरवरी में उत्तरी इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र में टिग्रिस नदी के किनारे मोसुल जलाशय में खुदाई की थी. शहर में कई चीनी मिट्टी के बर्तन और 100 से अधिक अधिक अभिलेखागार पाए गए हैं, जो बेहद अच्छी तरह संरक्षित हैं.

इराक का यह प्राचीन शहर कभी उत्तरी मेसोपोटामिया के एक इंडो-ईरानी साम्राज्य मित्तानी की टिग्रिस नदी पर स्थित था. इराक इस वक्त भयंकर सूखे की चपेट में है जिसकी वजह से देश का सबसे बड़ा जलाशय सूख गया है. कुर्द और जर्मन शोधकर्ताओं की एक टीम ने इस शहर का पता लगाया है. झुलसाने वाली गर्मी से अपनी फसलों को बचाने के लिए इराक को मोसुल बांध के पानी को छोड़ना पड़ा है.

शहर की खुदाई करते वक्त पुरातत्वविदों ने एक महल और कई विशालकाय इमारतों की खोज की है. इनमें कई बहुमंजिला इमारतें शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल शायद भंडारण और उद्योग-धंधों के लिए किया जाता होगा.

इस शहर में दीवारें अच्छी तरह संरक्षित हैं जिसने खोजकर्ताओं को चौंका दिया है. अभी तक माना जाता था कि 1350 ई.पू. में आए भूकंप में शहर नष्ट हो गया था, जिस वजह से यह खोज और भी ज्यादा हैरान करने वाली है.

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शहर में मिले पांच चीनी मिट्टी के बर्तन सबसे आश्चर्यजनक चीजें हैं, जिनमें 100 से अधिक अभिलेखागार मौजूद हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि शायद इनमें कई चिट्ठियां हैं जो अभी भी अपने मिट्टी के लिफाफे के भीतर हैं. किसी तरह के नुकसान से बचाने के लिए शहर में खोजी गई चीजों को प्लास्टिक शीट से ढक दिया गया है

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