खाद्य विभाग के सामने धरने पर बैठे 96 वर्षीय नेत्रहीन बुजुर्ग

दिल्लीः छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सन 1935 से आरएसएस के कार्यकर्ता रहें 96 वर्षीय नेत्रहीन बुजुर्ग को पीडीएस के राशन की मांग को लेकर खाद्य विभाग के सामने अकेले ही धरने पर बैठना पड़ा. बुजुर्ग को धरने पर सिर्फ इसलिए बैठना पड़ा क्योंकि उम्र के इस अंतिम पड़ाव में उनके अंगूठे की रेखा को थंब इंप्रेशन मशीन एक्सेप्ट नहीं कर रही है. इसके चलते उचित मूल्य दुकान संचालक बुजुर्ग दंपत्ति को नॉमिनी लाने कहकर पिछले चार माह से पीडीएस का चावल नहीं दे रहा है.

दरअसल बिलासपुर गोंडपारा निवासी विजय बहादुर सोनी सन 1935 से लेकर आज भी आरएसएस कार्यकर्ता हैं. परिवार में पत्नी संग अकेले रहते हैं. उनके नाम पर बना राशन कार्ड से मिलने वाले चावल और निराश्रित पेंशन से 96 वर्षीय नेत्रहीन बुजुर्ग अपना और पत्नी का गुजारा करते हैं. पीडीएस चावल लेने अंगूंठे के निशान की आवश्यकता होती है. बढ़ते उम्र के इस अंतिम पड़ाव में मशीन उनके थंब इंप्रेशन एक्सेप्ट नही कर रही है. विजय बहादुर का कहना है कि चावल लेने राशन दुकान पहुंचने पर दुकान संचालक उन्हें प्रताड़ित कर खाली हाथ लौटा दे रहा है. पिछले चार माह से बुजुर्ग को राशन नहीं मिल रहा.

परेशान हो कर बीते सोमवार को बुजुर्ग कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां खाद्य विभाग के सामने अकेले ही धरने पर बैठ गए. उन्होंने बताया कि राशन दुकान संचालक के रवैये के कारण उनका पेट भरना मुस्किल हो गया है. चार महीने से लगातार उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा, धरना जारी रखेंगे. हालांकि अधिकारियों के आश्वासन के बाद बुजुर्ग घर लौटे. बिलासपुर जिला खाद्य अधिकारी राजेश शर्मा का कहना है की 60 वर्ष से अधिक का राशन नहीं रोका जा सकता. मामला अभी संज्ञान में आया है, अब बुजुर्ग को कोई दिक्कत नहीं होगी. दुकान संचालक को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं.

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