भुखमरी से तंग किसान ने की खुदकुशी, 4 बेटियां और 6 माह का बेटा दो दिनों से भूखे

उरई/जलौन,संवाददाता। मिट्टी के कमरे में रखे तीन सूखे आलू, आधा लहसुन, अनाज के खाली डिब्बे और कई दिनों से बिना जला चूल्हा। यह जालौन के किसान देव सिंह की खुदकुशी के बाद उनके घर की तस्वीर है। उसकी पत्नी रोते-बिलखते कह रही है, घर में सब कुछ खाने को खत्म हो गया था।

चार बेटियां व छह माह का बेटा दो दिन से भूख से तड़प रहे हैं। ऐसे में पति ने यह कदम उठाया। भूख और पैसों की तंगी ने मार डाला। केंद्र हो या प्रदेश सरकार, दोनों ही किसानों को लेकर लगातार नई योजनाओं और उपायों की बात करते हैं। हालांकि, देव सिंह की मौत कुछ और ही हकीकत बताती है। उसकी मौत के बाद से पत्नी और चारों बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है।

परिजन भी आत्महत्या का कारण आर्थिक तंगी और साहूकारों का कर्ज बता रहे हैं। परिजनों ने बताया कि देव सिंह के पास 1 बीघा जमीन थी। परिवार का भरण पोषण करने के लिए वह बटाई पर लेकर खेती करता था।

उसने साहूकारों से कर्ज भी ले रखा था। इसके चलते वह मानसिक रूप से टूट चुका था, जिस कारण उसने इतना बड़ा कदम उठाया। देव सिंह का खाता जालौन की आर्यावर्त बैंक में है। इसमें 18 मई तक 3546 रुपए जमा थे।

19 मई को देव सिंह ने 3 हजार निकाल लिए थे, जिससे बेटे की छठी के कार्ड छपवाए थे। इसके बाद उसके खाते में मात्र 546 रुपये ही रह गए थे। घर में भी पैसे न होने के कारण आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही थी। देव सिंह की पत्नी नीतू ने बताया कि उनके छह माह के बेट की 14 जून को छठी थी।

सारी रिश्तेदारी में कार्ड भी बट चुके थे, लेकिन घर में खाने तक को न होने के चलते वह परेशान थे। इस कारण उन्होंने इस तरह का कदम उठाया है, उन्होंने बताया कि दो भाइयों में सवा बीघा जमीन थी, जिसमें घर परिवार का भरण पोषण सही तरीके से नहीं हो पा रहा था। दयाशंकर ने बताया कि पारिवारिक बँटवारे में देव के हिस्से में एक कमरा आया था।

जिसमें देव पत्नी 10 वर्षीय बेटी शिवानी, अनुष्का (7), जाह्नवी (4), परिधि (2) और 6 माह के बेटे अभय के साथ रहता था। उन्होंने बताया कि वह मेहनती था, लेकिन कर्ज में डूबने के चलते मानसिक रूप से परेशान चल रहा था।उसकी इस अवस्था को लेकर कई बार समझाने का प्रयास भी किया।

लेकिन उसने किसी की बात को नहीं सुना। जालौन के उपजिलाधिकारी राजेश कुमार सिंह का कहना है कि किसान देव सिंह की मौत की जानकारी उन्हें मिली है। उन्होंने लेखपाल को भेजकर इस मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं, लेखपाल द्वारा रिपोर्ट आते ही जो भी उचित मुआवजा होगा परिवार को दिलाया जाएगा।

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