भारत सरकार ने चीनी एक्‍सपोर्ट पर 1 जून से लगाई रोक

दिल्ली : सरकार ने चीनी के निर्यात पर 1 जून 2022 से पाबंदी लगा दी। घरेलू कीमतों में उछाल को रोकने के लिए सरकार ऐसा कर रही है। इस साल 31 अक्टूबर तक ये पाबंदी जारी रहने वाली है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और ब्राजील के बाद दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। इसके टॉप ग्राहकों में बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया और दुबई शामिल हैं।

बीते साल देश ने भारी मात्रा में चीनी का निर्यात किया है। पिछले साल 60 LMT (लाख मीट्रिक टन) तक चीनी निर्यात का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन असल में 70 LMT चीनी एक्सपोर्ट कर दी गई। इसी तरह इस साल भी 82 LMT चीनी शुगर मिल से एक्सपोर्ट के लिए भेजी जा चुकी है, वहीं 78 LMT तो एक्सपोर्ट भी हो गई। इस साल का चीनी निर्यात अब तक का सबसे ज्यादा माना जा रहा है।

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद, फूड प्राइसेस आसमान छू रही हैं और दुनिया भर की सरकारों ने अपने देश में जरूरी चीजों की कीमत न बढ़े इसके लिए इन वस्तुओं के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाई है। मलेशिया 1 जून से चिकन का एक्सपोर्ट रोकने जा रहा है। इंडोनेशिया ने हाल ही में अस्थायी रूप से पाम ऑयल पर प्रतिबंध लगाया था। भारत ने गेंहूं के एक्सपोर्ट को भी प्रतिबंधित कर दिया है। सर्बिया और कजाकिस्तान ने अनाज शिपमेंट पर कोटा लगाया है।

चीनी एक्सपोर्ट को सीमित करने की सरकार की योजना काफी ज्यादा एहतियात वाली लगती है। ऐसा इसलिए क्योंकि चीनी की घरेलू आपूर्ति प्रचुर मात्रा में है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के अनुसार, भारत में इस सीजन में 35 मिलियन टन उत्पादन और 27 मिलियन टन की खपत होने की उम्मीद है। पिछले सीजन के लगभग 8.2 मिलियन टन के भंडार सहित 16 मिलियन का सरप्लस है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker