हिंदुस्तान जिंक में अपनी पूरी 29.54% हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, मिली मंजूरी

दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को हिंदुस्तान जिंक में हिस्सेदारी बिक्री को मंजूरी दे दी। सरकार इस फर्म में अपनी पूरी होल्डिंग बेच देगी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी गई है। HZL में केंद्र की करीब 29.54% हिस्सेदारी है। आज की तारीख में इसकी वैल्यू 39,385.66 करोड़ रुपए है। इस खबर के सामने आने के बाद हिंदुस्तान जिंक का शेयर 4.10% बढ़कर 307.50 रुपए पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में ये 318 रुपए तक पहुंच गया था।

हिंदुस्तान जिंक में सरकार ने 2002 में 26% हिस्सेदारी स्टरलाइट अपॉर्चुनिटीज एंड वेंचर्स लिमिटेड (SOVL) को मैनेजमेंट कंट्रोल के साथ महज 749 करोड़ रुपए बेच दी थी। बाद में SOVL ने हिस्सेदारी बढ़ाकर 64.92% कर ली। बताया जाता है SOVL को 64.92% हिस्सेदारी के लिए महज 1500 करोड़ रुपए खर्च करना पड़ा, जबकि इसका बाजार मूल्य करीब 1 लाख करोड़ रुपए था।

SOVL का अप्रैल 2011 में स्टरलाइट इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेट में विलय कर दिया गया। अगस्त 2013 में सेसा स्टरलाइट लिमिटेड बनाने के लिए स्टरलाइट इंडस्ट्रीज का सेसा गोवा लिमिटेड के साथ विलय हो गया। अप्रैल 2015 में सेसा स्टरलाइट का नाम बदलकर वेदांत लिमिटेड कर दिया गया। इस तरह से हिंदुस्तान जिंक अब वेदांत लिमिटेड की सहायक कंपनी है। नरेंद्र मोदी सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 65,000 करोड़ रुपए का विनिवेश लक्ष्य रखा है। हिंदुस्तान जिंक में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री इसी का हिस्सा है। ITC में सरकार का 7.91% हिस्सेदारी बिक्री का प्लान है। पवन हंस, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI), IDBI बैंक और BPCL की स्ट्रैटेजिक सेल में देरी ने सरकार को अन्य विकल्पों पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।

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