बिना OBC आरक्षण के होंगे पंचायत चुनाव, आया ‘सुप्रीम’ फैसला

दिल्लीः मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आ गया है। अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वो निकाय चुनावों की तैयारी करे और 2 हफ्ते के अंदर अधिसूचना जारी करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता। अदालत के इस आदेश के बाद अब यह साफ हो चुका है कि अब राज्य में बिना ओबीसी आरक्षण के ही पंचायत चुनाव होंगे।

जया ठाकुर और सैयद जाफर की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जाफर ने बताया कि कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य निर्वाचन आयोग 15 दिन के अंदर पंचायत एवं नगर पालिका के चुनाव की अधिसूचना जारी करें।

अदालत के इस आदेश को राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार के लिए झटका माना जा रहा है। शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव 27% ओबीसी आरक्षण के साथ कराने की बात कही थी। अदालत के इस अहम आदेश के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी। 

सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की रिपोर्ट को अधूरा माना है।इसलिए अब स्थानीय चुनाव 36% आरक्षण के साथ ही होंगे। इसमें 20% एसटी और 16% एससी का आरक्षण रहेगा। जबकि, शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव 27% ओबीसी आरक्षण के साथ कराने की बात कही थी।

अब अदालत ने साफ कहा है कि अधूरी रिपोर्ट होने के कारण मध्य प्रदेश के ओबीसी वर्ग को पंचायत एवं नगर पालिका में आरक्षण नहीं मिलेगा। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि 5 साल में चुनाव कराना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। ट्रिपल टेस्‍ट पूरा करने के लिए अब और इंतजार नहीं किया जा सकता।

OBC आरक्षण को लेकर राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तंखा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम सबको सम्मान करना चाहिए। सांसद ने कहा कि सरकार के पास अच्छे सलाहकार नहीं है। शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को समझ नहीं पा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार फैसले को नकारने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अदालत के इस फैसले में रीव्यू लायक़ कुछ नहीं है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker