चिंतन शिविर के बाद राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति बनाएगी कांग्रेस
दिल्ली: देश के राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव जुलाई में हो सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्ताधारी से लेकर विपक्षी दल तक, सभी अपनी रणनीति बना रहे हैं। वहीं, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अगले हफ्ते उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर के बाद ही राष्ट्रपति चुनाव पर कोई फैसला लेगी। हालांकि, कांग्रेस के पास एनडीए प्रत्याशी को मात देने के लिए पर्याप्त वोट नहीं है। ऐसे में सबकी नजरें संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार पर टिकी हैं।
सत्तारूढ़ गठबंधन के पास भी बहुमत पाने के लिए लगभग 1,17,000 वोट कम हैं। राष्ट्रपति चुनाव में गैर-एनडीए और गैर-यूपीए दलों के वोटों से खेल बिगड़ सकता है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘हम अब चिंतन शिविर पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, और राष्ट्रपति चुनाव पर अभी तक कोई गंभीर चर्चा नहीं हुई है, हालांकि यह सामने आ सकता है।’
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि उनकी पार्टी एक संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के साथ जा सकती है। इससे 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता की परीक्षा भी हो जाएगी। एक कांग्रेस नेता ने कहा ‘चुनाव का मुद्दा जून की शुरुआत में आ सकता है और सोनिया गांधी सभी यूपीए सहयोगियों को सामूहिक निर्णय लेने के लिए बुला सकती हैं, लेकिन यूपीए निश्चित रूप से एक उम्मीदवार खड़ा करेगी।’