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आशीष मिश्रा जेल से रिहा, 128 दिन बाद मिली रिहाई

दिल्लीः लखीमपुर के तिकुनिया कांड के मुख्य आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा मंगलवार की दोपहर जेल से बाहर आ गया। हाईकोर्ट से जमानत के बाद जिला जज की अदालत से उसकी रिहाई का आदेश मंगलवार सुबह जेल पहुंचा। इसके बाद कागजी कार्यवाही पूरी कर आशीष को रिहा कर दिया गया। आशीष 128 दिन बाद जेल से बाहर आया है। 

आशीष को मुख्य गेट की जगह पीछे के दरवाजे से बाहर निकाला गया। इसके पीछे सुरक्षा को कारण बताया गया। इस दौरान मीडिया ने उनसे बात भी करने की कोशिश की लेकिन वह कार में बैठकर निकल गए।

इससे पहले हाईकोर्ट से आदेश आने के बाद सोमवार को जिला जज की कोर्ट में जमानतनामे दाखिल किए गए थे। जिला जज मुकेश मिश्रा ने दो जमानतदारों और उनके द्वारा जमानत में लगाई गई सम्पत्ति का सत्यापन कराने के लिये संबंधित थानाध्यक्ष और तहसीलदार को आदेश दिया था।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आशीष मिश्रा की जमानत को संयुक्त किसान मोर्चा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। मंगलवार को लखीमपुर में पत्रकारों से बातचीत में टिकैत ने कहा कि किसानों को गाड़ी से कुचलने वाले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को सिर्फ तीन महीने में ही जमानत मिल गई। उन्होंने कहा कि तिकुनया हिंसा मामले में केंद्र सरकार ने गृह राज्यमंत्री को उनके पद से भी नहीं हटाया और न ही इस मामले में उनसे पूछताछ हुई।

तीन अक्तूबर को हुए तिकुनिया कांड में चार किसान, एक पत्रकार, एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ता मारे गए थे। चार किसानों समेत एक पत्रकार की मौत में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के पुत्र आशीष मिश्र उर्फ मोनू समेत 14 आरोपियों के खिलाफ एसआईटी आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। इसकी सुनवाई जिला जज की कोर्ट में चल रही है। इस मामले आशीष मिश्र 10 अक्तूबर से जिला जेल में बंद हैं। 

जिला जज की अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद जमानत के लिए उच्च न्यायालय लखनऊ में अर्जी दाखिल की गई थी। जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने दस फरवरी को जमानत अर्जी मंजूर करते हुए जमानत आदेश जारी कर दिया था। 

जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि सोमवार को जिला जज की अदालत में जमानत धनराशि निश्चित करने के लिए अर्जी दी गयी। जिस पर जिला जज ने तीन-तीन लाख रुपये की धनराशि की दो जमानतें और उसी धनराशि का व्यक्तिगत बंधपत्र और अंडरटेकिंग दाखिल किए जाने का आदेश दिया।

जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि जिला जज के आदेश के बाद शाम को आशीष के अधिवक्ता द्वारा जमानतनामें कोर्ट में दाखिल कर दिए गए। जिला जज ने जमानतदारों और उनके द्वारा जमानत में लगाई गई सम्पत्ति का सत्यापन कराने के लिए सम्बंधित थानाध्यक्ष और तहसीलदार को आदेशित किया है। जमानतनामे सत्यापित होकर आने के बाद ही कोर्ट से आशीष मिश्र की रिहाई जिला कारागार भेजी जाएगी।

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