कुमाऊं में बेटियां नहीं हो रही सुरक्षित

उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में आपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। तराई से लेकर पहाड़ तक बेटियों के साथ घटनाएं हो रही हैं।

कुमाऊं के हर जिले में साल-दर-साल बेटियों के साथ छेड़छाड़, दुष्कर्म जैसे अपराध बढ़ रहे हैं। 2019 में जनवरी से दिसंबर तक पूरे कुमाऊं में नाबालिगों से छेड़छाड़, दुष्कर्म सहित अन्य घटनाओं के 163 मामले सामने आए थे।

2020 में यह आंकड़ा बढ़ कर 173 तक पहुंच गया। जबकि 2021 में तो जनवरी से अगस्त तक महज आठ माह के भीतर ही 197 मामले सामने आ चुके हैं।

इससे साफ है कि कुमाऊं में बेटियों की सुरक्षा खतरे में हैं। इसमें सबसे आगे यूएस नगर जिला तो दूसरे नंबर पर नैनीताल है। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ में भी इस तरह की अप्रिय घटनाएं बढ़ रही हैं। कहीं भी बेटी सुरक्षित नहीं हैं।

पुलिस प्रशासन के दावे लोगों को सिर्फ आश्वासन ही दिला रहे हैं। साल 2021 की बात की जाए तो बीते सालों की तुलना में महज आठ माह के भीतर ही 20 फीसदी के करीब आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं। जनवरी से अक्तूबर माह तक कुमाऊं भर में 197 पॉक्सो के मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

इन घटनाओं को 368 लोगों ने अंजाम दिया है। इससे साफ जाहिर है कि हर घटना में एक से अधिक आरोपी शामिल हैं। ऐसे में पुलिस को और भी सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

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