ट्रांजैक्शन की लिमिट बढ़ी

आरबीआई ने तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) के जरिए लेनदेन लिमिट राजाना दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है।

मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में हुए फैसलों के बारे में बताते हुए अरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने देशभर में ऑफलाइन तरीके से खुदरा डिजिटल भुगतान की रूपरेखा का प्रस्ताव किया है।

इससे पहले उन्होंने ब्याज दरों के अपरिवर्तित रखने की जानकारी दी। बता दें भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) एक महत्वपूर्ण भुगतान प्रणाली है, जो 24×7 तत्काल फंड ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करती है।

यह इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग ऐप, बैंक शाखाओं, एटीएम, एसएमएस और आईवीआरएस जैसे विभिन्न चैनलों के माध्यम से सुलभ है।

जनवरी 2014 से प्रभावी आईएमपीएस में प्रति लेनदेन की सीमा दो तरह से निर्धारित की गई है। वर्तमान में एसएमएस और आईवीआरएस के अलावा अन्य चैनलों के लिए 2 लाख रुपये है। एसएमएस और आईवीआरएस चैनलों के लिए प्रति लेनदेन सीमा ₹5000 है।

  • भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में देश की वास्तविक जीडीपी में 9.5 फीसद की तेजी का अनुमान लगाया है।
  • इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.9 फीसद, तीसरी तिमाही में 6.8 फीसद और चौथी तिमाही में 6.1 फीसद।
  • वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में देश की वास्तविक जीडीपी 17.1 फीसद रह सकती है।
  • वित्त वर्ष 2021-2022 में सीपीआई मुद्रास्फीति 5.3 फीसद रह सकती है। पिछली बैठक में 5.7 फीसद का अनुमान लगाया गया था।
  • दूसरी तिमाही में महंगाई दर 5.1 फीसद रह सकती है, तीसरी तिमाही में 4.5 और चौथी तिमाही में यह 5.8 फीसद हो सकती है।
  • वित्त वर्ष 2022-2023 की पहली तिमाही में सीपीआई मुद्रास्फीति 5.2 फीसद रह सकती है।
  • रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर स्थिर
  • आईएमपीएस की सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया गया।
  • रिजर्व बैंक ने देशभर में ऑफलाइन तरीके से खुदरा डिजिटल भुगतान की रूपरेखा का प्रस्ताव किया।
  • दूसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में क्षमता इस्तेमाल सुधरा, आगे और सुधार की उम्मीद।
Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker