छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें

पंजाब में जारी सियासी संकट के बीच छत्तीसगढ़ के 10 विधायक बृहस्पत सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस के राज्य प्रभारी पीएल पुनिया से मिलने दिल्ली पहुंचे हैं।

बीते काफी दिनों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के बीच ढाई साल के पावर शेयरिंग को लेकर कथित तौर पर विवाद जारी है।

इससे पहले 28 अगस्त को कांग्रेस आलाकमान के साथ एक लंबी बैठक हुई थी। बघेल ने कहा कि आने वाले समय में राहुल गांधी राज्य का दौरा करेंगे।

इसके ठीक अगले दिन यानी 29 अगस्त को जब टीएस सिंहदेव लौटे तो उन्होंने कहा कि उन्होंने नेतृत्व से भी बात की और उन्होंने “निर्णय सुरक्षित” रखा है।

आपको यह भी बता दें कि अभी तक राहुल गांधी के राज्य के दौरे को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है और इस संबंध में बघेल के अक्टूबर के पहले सप्ताह में दिल्ली आने की संभावना है।

दिल्ली पहुंचे बृहस्पत सिंह ने कहा, “हम यहां अपने आलाकमान से मिलने आए हैं। हम आज या कल पुनिया जी (पीएल पुनिया) से मिलेंगे।’

दरअसल, राहुल गांधी अगले कुछ दिनों में दो दिनों के लिए छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे। हम यहां आलाकमान से यात्रा विस्तार करने का आग्रह कर रहे हैं। ताकि राहुल जी (राहुल गांधी) हमारे राज्य को अधिक समय दे सकें और अधिक लोगों से मिल सकें।”

यह पूछे जाने पर कि क्या वह विधायकों के साथ राज्य के राजनीतिक संकट पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में हैं, उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में अब कोई राजनीतिक संकट नहीं है।

पिछले महीने लगभग 60 विधायकों ने पीएल पुनिया के माध्यम से आलाकमान को अपनी स्थिति बताई है। अब सब कुछ स्प्ष्ट है।”

23 सितंबर को, एक वरिष्ठ मंत्री और सरकार के प्रवक्ता, रवींद्र चौबे ने कहा कि बघेल के राहुल गांधी की बस्तर यात्रा को अंतिम रूप देने के लिए अक्टूबर के पहले सप्ताह में दिल्ली आने की संभावना है। 

चौबे ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा की तैयारी पूरी है और आबकारी मंत्री कवासी लखमा, जो बस्तर के कोंटा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं, ने कुछ दिन पहले इसकी समीक्षा की और कार्यक्रम के संभावित स्थान का सुझाव दिया।

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