छत्तीसगढ़ अफसरों को मिला यह टास्क

छत्तीसगढ़ में सरकारी आवासीय विद्यायलों और हॉस्टलों में यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कड़ा आदेश दिया गया है।

इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अफसरों को कड़ा टास्क दिया है। उनसे कहा गया है कि वे सरकार द्वारा चलाए जा रहे रेजिडेंशियल स्कूलों और हॉस्टलों में औचक निरीक्षण करते रहें।

यह आदेश पिछले हफ्ते जशपुर जिले के एक सरकारी अवासीय विद्यालय में हुई घटना के बाद जारी किया गया है। पिछले हफ्ते हुई इस घटना में एक नाबालिग लड़की को यौन प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा था।

वहीं पांच अन्य लड़कियों के साथ भी यौन शोषण की घटना हुई थी।  एक अधिकारी ने बताया कि बघेल ने डीएम और एसएसपी को इस बारे में रविवार को आदेश जारी किया।

अधिकारी ने बताया कि कलेक्टरों से कहा गया है कि वह शिक्षा अधिकारियों, आदिवासी विकास विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर समेत जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दें।

उनसे कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान वह यहां रहने वाले बच्चों से बात करें और उनसे फीडबैक भी लगातार लते रहें।

निरीक्षण के दौरान अगर किसी के भी खिलाफ शिकायत मिलती है तो उसे सस्पेंड करके उसके खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराया जाए।

गौरतलब है कि 22 सितंबर को जशपुर में स्थित एक सरकारी आवासीय ट्रेनिंग सेंटर में एक 17 वर्षीय दिव्यांग के साथ रेप की घटना हुई थी।

इसके अलावा 14 से 16 उम्र के बीच के पांच अन्य नाबालिगों के साथ केयरटेकर ने छेड़खानी की थी। बाद के केयरटेकर और वॉचमैन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

वहीं इस सेंटर के सुप्रीटेंडेंट को कलेक्टर ने सस्पेंड कर दिया था। वहीं डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर को कारण बताओ नोटिस दी गई थी। 

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