विवेचनाधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के आदेश

बांदा,संवाददाता। हत्यारोपी को साक्ष्य के अभाव में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद अशरफ अंसारी ने बरी कर दिया है। साथ ही तत्कालीन विवेचनाधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।

मौजूदा में तत्कालीन विवेचक सिद्धार्थ नगर जिले के सोहरतगढ़ थाने में तैनात हैं। पैलानी थाना क्षेत्र के खप्टिहा गांव निवासी हीरालाल शिवहरे ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा था कि उसका छोटा भाई मुन्ना (35) रामलीला देखने गया था।

रात को नहीं लौटा। अगले दिन सुबह खप्टिहा-अलोना मार्ग में उसका शव मिला था। उसके गले में चोट के निशान थे। अज्ञात लोगों के विरुद्ध पुलिस ने हत्या समेत कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली।

विवेचना के बाद पुलिस ने कल्लू, नंदू और फैलू के विरुद्ध न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया। कल्लू की उम्र कम होने पर उसकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड में भेज दी गई।

दूसरे आरोपी फैलू की इसी माह तीन सितंबर को मृत्यु हो गई। तीसरे आरोपी नंदू का केस चला और न्यायालय में आठ गवाह पेश किए गए।

प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद अशरफ अंसारी ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस और पत्रावलियों का अवलोकन किया।

साक्ष्य के अभाव में न्यायाधीश ने खप्टिहा निवासी नंदू को बरी कर दिया। न्यायाधीश ने अपने आदेश में यह भी कहा कि विवेचक ने बिना कोई पड़ताल किए गवाह दर्शाकर बयान दर्ज कराए।

शंका के आधार पर अपराध में संलिप्त दर्शाते हुए आरोपी के विरुद्ध गलत आरोपपत्र लगाया। पंचनामा और पोस्टमार्टम में यह स्पष्ट था कि मृत्यु दम घुटने या गला घोटकर नहीं की गई थी।

न्यायाधीश ने सिद्धार्थ नगर एसपी को निर्णय की प्रति भेजने के आदेश दिए। न्यायाधीश ने कहा कि विवेचक (तत्कालीन) राजेंद्र बहादुर सिंह के विरुद्ध की गई कार्रवाई से अदालत को भी अवगत कराया जाए।

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