डेंगू लार्वा मिलने पर भी नहीं हो रहे बड़े संस्थानों पर स्पाट फाइन

इंदौर। नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों को सिर्फ वह गरीब दिखते हैं जो किसी से शिकायत भी नहीं कर सकते और शिकायत करते हैं तो उनकी सुनवाई नहीं होती।

डेंगू के मरीज जो दिनों दिन बढ़ रहे हैं वह भी इन अधिकायिों की वजह से हैं। जिन्होंने पहले ना तो शहर में दवा का छिड़काव कराया नहीं कोई ऐसा कार्य किया जिससे लार्वा पनपते ही नहीं।

इधर शहर में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मरीजों को लेकर इक्का-दुक्का कार्रवाइयों के अलावा स्पॉट फाइन की कार्रवाई नहीं हो रही है।

इस संबंध में निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए थे। इसकी चिंता न तो नगर निगम के अधिकारी कर रहे हैं, न मलेरिया विभाग के औपचारिकता के लिए सर्वे और दवाइयां छिड़काव के लिए टीम जरूर लगाई गई है, लेकिन इसके ठोस परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं।

निगम अधिकारी खुद मान रहे हैं कि बड़े संस्थानों की जांच होगी, तो निश्चित रूप से वहां जमा पानी में डेंगू का लार्वा मिलेगा। अब तक किसी होटल, माल, शॉपिंग काम्पलेक्स, स्कूल या अन्य किसी भी बड़े संस्थान की ना तो जांच की गई है, न कार्रवाई की गई है।

रहवासी क्षेत्रों में केवल बस्तियों में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है, लेकिन कई पाश आवासीय कालोनियों में भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं।

बंद कमरे में बैठे अधिकारी की भी सुने : ऐसी युक्त बंद कमरों में बैठने वाले नगर निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने माना कि अब तक नगर निगम उन बड़े व्यावसायिक संस्थानों पर स्पॉट फाइन की कार्रवाई नहीं कर पाया है, जहां लार्वा मिले हैं।

हालांकि, निगम की टीमें डेंगू को लेकर लोगों को समझाइश देने का काम लगातार कर रही है। मलेरिया विभाग की टीम के साथ जल्द ही नगर निगम की टीम स्पॉट फाइन की कार्रवाई भी करेगी।

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