रोजगार देना तो दूर-स्वरोजगार कैंप तक नहीं लग सके
लगातार दो साल से कोरोना संक्रमण झेल रहे प्रदेश में अब रोजगार युवाओं के लिए दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। ऐसे में अपनी जमापूंजी खर्च कर स्वरोजगार स्थापित करना मजबूरी बन गया है।
युवाओं के इसी स्वरोजगार की पहल को देखते हुए शासन ने अगस्त माह में आदेश जारी कर राज्यभर में स्वरोजगार ड्राइव आयोजित करने को कहा था। हर जिले में इसकी जिम्मेदारी मुख्य विकास अधिकारी को दी गई।
संबंधित विभागों के सहयोग से जिलों में स्वरोजगार कैंप लगाकर लोगों को राज्य और केंद्र की स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी देकर आवेदन कराने को कहा गया।
लेकिन कुमाऊं में अल्मोड़ा और चम्पावत जिले को छोड़कर अन्य किसी भी जिले में कैंप नहीं लगाए जा सके हैं। शासन की ओर से 24 अगस्त को सभी मुख्य विकास अधिकारियों को पत्र जारी किया गया था।
इसमें बताया गया था कि सीएम की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के तहत संचालित स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा बैठक 5 अगस्त को हुई।
इसके बाद नियोजन विभाग कार्यालय की ओर से 18 अगस्त को एक पत्र जारी हुआ, जिसमें सभी विभागों की स्वरोजगार योजनाओं के नियमित अनुश्रवण के लिए मुख्य विकास अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किए जाने की बात कही गई।