ब्रिटेन ने मानवाधिकार उल्लंघन मामले में 4 चीनी अधिकारियों पर लगाया प्रतिबन्ध

नई दिल्ली: यूरोपीय संघ, कनाडा और अमेरिका की तरह ब्रिटेन सरकार ने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में सोमवार को चीन सरकार के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने घोषणा की कि घोर मानवाधिकार उल्लंघनों के दोषियों के खिलाफ प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ समन्वय के तहत उठाया गया कदम है।

ब्रिटेन पहली बार चीन के चार सरकारी अधिकारियों और शिनजियांग के एक सुरक्षा निकाय पर यात्रा एवं वित्तीय प्रतिबंध लगाएगा। राब ने कहा, हम अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ समन्वय करते हुए मानवाधिकार उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।

चीनी सरकार शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को काफी समय से प्रताड़ित करती आ रही है। पुरुषों के अलावा, महिलाओं को भी तरह-तरह की यातनाएं दी जाती हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने उइगरों के साथ यूनाइटेड नेशन जेनोसाइड कनवेंशन के सभी प्रोविजन्स का उल्लंघन किया है।  यह रिपोर्ट इंटरनेशल लॉ, जेनोसाइड, वॉर क्राइम्स पर 50 से अधिक एक्सपर्ट्स द्वारा पेश की गई थी। वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक न्यूलाइंस इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटजी एंड पॉलिसी द्वारा जारी रिपोर्ट के को-ऑथर अजीम इब्राहिम ने कहा कि चीन के खिलाफ नरसंहार के आरोप का समर्थन करने के लिए काफी सबूत हैं।

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2014 से शिनजियांग में बनाई गई आसाधारण आंतरिक सुविधाओं में 10-20 लाख लोग कैद हैं। इसमें इन कैंप्स में यौन उत्पीड़न, जबरन नसबंदी, फिजिकल टॉर्चर, ब्रेनवाशिंग और अज्ञात लोगों की मौत के बारे में भी जानकारी दी गई है।

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