कर्नाटक में डायनामाइट धमाके में छह की मौत

नई दिल्ली: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से 60 किलोमीटर दूर चिक्कबल्लापुर जिले में एक डायनामाइट विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई। माना जा रहा है कि यह दुर्घटना मंगलवार की सुबह उस समय हुई, सात लोग अवैध विस्फोटकों का डिस्पोज करने की कोशिश में लगे हुए थे। बता दें कि कर्नाटक में पिछले एक महीने में होने वाला यह दूसरा धमाका है। 22 जनवरी को शिवमोगा जिले के हानासोडू गांव में एक रेलवे क्रशर वाली जगह हुए डायनामाइट विस्फोट में आठ लोग मारे गए थे।

पुलिस महानिरीक्षक (केंद्रीय रेंज) एम. चंद्रशेखर ने कहा कि शुरुआती जांच से ऐसा लगता है कि कुछ लोगों ने अवैध विस्फोटकों को डिस्पोज करने की कोशिश की थी और तभी अचानक से ब्लास्ट हो गया। डिस्पोजल और फोरेंसिक टीम बेंगलुरु से आ गई है। जब जांच पूरी हो जाएगी तब इस बारे में और अधिक जानकारी मिल सकेगी। वहीं, घायलों को अस्पताल में ले जाने वाली एंबुलेंस के ड्राइवर ने बताया कि हमें तकरीबन 1:20 पर फोन कॉल मिला। हम घटनावाली जगह पर सुबह 1:40 पर पहुंचे। हमें शुरुआत में हादसा बताया गया था, लेकिन जब वहां पहुंचे तब ब्लास्ट के बारे में पता चला और वहां पर पांच लोग थे।

कर्नाटक में हुई इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर में हुई दुर्घटना में लोगों की जान जाने से काफी दुखी हूं। उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डी. सुधाकर ने कहा कि विस्फोटक ब्रम्हा वर्शिनी खदान का था। उन्होंने कहा,  ”यह एक कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त खदान है। लेकिन 7 फरवरी को विस्फोटक को सही तरीके से नहीं रखने और साइट पर इंजीनियर के नहीं होने की वजह से इसे बंद कर दिया गया था। मालिक ने जरूर कर्मचारियों को इसे दो किलोमीटर दूर गुडुबंडे के जंगल ले जाने के लिए कहा होगा।” उन्होंने आगे बताया कि विस्फोटकों को एक मिनी ट्रक और दो बाइक के जरिए से ले जाया गया। सात लोग यहां आए। मैं बम डिस्पोजल टीम से बात कर रहा था, तो उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन से मिलने वाले सिग्नल से भी विस्फोट हो सकता है। लेकिन वे आगे की जांच कर रहे हैं।

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