कैपिटल हिंसा को लेकर ट्रंप पर ‘कू क्लक्स क्लान’ ऐक्ट के तहत केस दर्ज, क्या है यह कानून?

नई दिल्ली: अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के एक कांग्रेस सदस्य बेनी थॉमसन ने मंगलवार को देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कैपिटल (संसद भवन) में हुई हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया है। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप पर 19वीं सदी के ‘कू क्लक्स क्लान’ कानून का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है। डेमोक्रेटिक पार्टी सदस्य ने ट्रंप पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने वकीलों और अतिवादी समूहों के साथ मिलकर षड्यंत्र करके सीनेट को राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को सत्यापित करने से भी रोका, जिसमें वह जो बाइडन से हार गए थे। कू क्लक्स क्लान कानून 1871 में बना था। इसका मकसद अफ्रीकी-अमेरिकियों में गरीबी उन्मूलन और उनके अधिकारों की रक्षा करना था।

दरअसल, कू क्लक्स क्लान अति दक्षिणपंथी घृणा समूहों का नाम है। यह एक गुप्त संगठन था जिसका उद्देश्य हिंसा और बल के जरिए अमेरिका में अश्वेतों को उनके अधिकारों से वंचित रखना था। यह संगठन अमेरिकी गृह युद्ध के बाद श्वेतों के प्रभुत्व को कायम रखने के लिए काम करता था। माना जाता है कि 1865 में अमेरिका के टेनेसी में पहले क्लान की शुरुआत हुई थी लेकिन धीरे-धीरे यह पूरे देश में फैल गया था। सफेद कपड़े, मुखौटे के साथ ही शंक्वाकार टोपी इनकी पहचान थी।

1870 और 1871 में अमेरिकी सरकार ने तीन एनफोर्समेंट कानून पारित किए। इन कानूनों के जरिए अफ्रीकी-अमेरिकियों के वोट देने के अधिकार को सुरक्षित किया। अश्वेत लोगों को सरकारी पद हासिल करने, न्याय व्यवस्था में नौकरी पाने और कानून के तहत बराबरी के अधिकार मिले। इन कानूनों को कू क्लक्स क्लान ऐक्ट के नाम से भी जाना गया।

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