पंचायत चुनाव: एससी-एसटी या फिर OBC जाति के फेर में उलझे दावेदार

नई दिल्ली: यूपी में होने जा रहे पंचायत चुनाव के लिए परिसीमन के आंकड़े सामने आने के बाद अब राजनीतिक दलों, चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों और उनके समर्थकों को ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत की सीटों के आरक्षण की नीति का बेसब्री से इंतजार है।  पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह की संस्तुति के बाद पंचायतीराज विभाग की ओर से इस बारे में शासनादेश जारी होना है। विभागीय मंत्री पहले ही संकेत दे चुके हैं कि इस बार क्षेत्र व जिला पंचायत की सीटों आरक्षण शून्य कर के नए सिरे से चक्रानुक्रम आरक्षण तय किया जा सकता है। इसी क्रम में परिसीमन से प्रभावित हुई ग्राम पंचायतों में भी नये सिरे से चक्रानुक्रम आरक्षण तय किये जाने की बात कही जा रही है।

उनका तर्क है कि पिछल पांच चुनावों से क्षेत्र व जिला पंचायत चुनाव में चक्रानुक्रम आरक्षण चलता आ रहा है। इसलिए अब नये सिरे से आरक्षण तय किये जाने की जरूरत है। बताते चलें कि वर्ष 2015 के चुनाव में तत्कालीन सपा सरकार ने ग्राम पंचायतों की सीटों का आरक्षण शून्य करके नये सिरे से चक्रानुक्रम आरक्षण निर्धारित किया था, अब उसी के अनुरूप चक्रानुक्रम के अगले क्रम में ग्राम पंचायतों की सीटों का आरक्षण तय होना है। जहां तक 2015 के पंचायत चुनाव में तय हुए आरक्षण का सवाल है तो उसका ब्यौरा निम्न तालिका से जाना जा सकता है।

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