ब्रिसबेन में कंगारुओं को टीम इंडिया ने दिखाई औकात, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर किया कब्जा

नई दिल्ली: नियमित कप्तान विराट कोहली समेत कई स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में भी टीम इंडिया ने कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को उनके घर में पीटते हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्राॅफी को 2-1 के अंतर से अपने नाम कर लिया। ब्रिसबेन में खेले गए इस निर्णायक मैच में भारत को ऑस्ट्रेलिया से 328 रनों का लक्ष्य मिला था, जिसे टीम ने शुभमन गिल और ऋषभ पंत जैसे युवा बल्लेबाजों की शानदार पारियों के दम पर सात विकेट खोकर हासिल कर लिया। इस सीरीज पर कब्जा करते ही टीम इंडिया ने अपने खेल की जरिए ऑस्ट्रेलिया की बदतमीजी, स्लेजिंग, बदजुबानी सहित सभी मुद्दों पर उनका मुंह बंद कर दिया।

भारत की यह जीत कई मायनों में खास है, क्योंकि इस सीरीज में भारत ने कई खिलाड़ियों को चोट की वजह से गंवा दिया था, जबकि ऑस्ट्रेलिया अपनी पूरी ताकत के साथ उतरा था। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस मैच में टीम इंडिया की गेंदबाजी आक्रमण बेहद अनुभवहीन था, और मात्र तीन मैच खेलने वाले मोहम्मद सिराज को गेंदबाजी आक्रमण का अगुवा बनाया गया था। उन्होंने भी अपने कप्तान को निराश नहीं किया और दूसरी पारी में पांच विकेट लेने के साथ कंगारू टीम को ऑलआउट करने में अहम भूमिका निभाई।

आस्ट्रेलिया की गाबा मैदान पर पिछले 32 वर्षों में यह पहली हार है जबकि भारत ने यहां अपनी पहली जीत दर्ज की। इसी के साथ इस मैदान पर ऑस्ट्रेलिया टीम की भारत के खिलाफ बादशाहत खत्म हो गई है। बता दें कि भारत ने लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया को उसके ही घर में टेस्ट सीरीज में पटखनी दी है। पिछली बार भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके ही घर में 2018-19 टेस्ट सीरीज में 2-1 से हराया था।

भारतीय टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी लगातार तीसरी बार अपने नाम कर जीत की हैट्रिक लगाई है। इससे पहले भारत ने पिछली दोनों सीरीज जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा किया था। विराट कोहली की अनुपस्थिति में इंडिया के लिए यह बहुत बड़ी जीत है। इंडिया को इस मैच में अपने खिलाड़ियों के चोटिल होने की वजह से चार बदलाव करने पड़े थे। इसके बावजूद वह इतिहास रचने में कामयाब रही।

इस मैच में टीम को यादगार जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले विकेटकीपर ऋषभ पंत ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम पारियों में 1000 रन पूरे करने वाले भारतीय विकेटकीपर बन गए। उन्होंने ऑफ स्पिनर नाथन लायन के सामने सतर्कता बरती, लेकिन चेतेश्वर पुजारा के पवेलियन लौटने के बाद खूबसूरत ड्राइव से स्कोर बोर्ड चलाय कर दिया और फिर अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया। इस मैच में मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में खेल रहे मयंक अग्रवाल नई गेंद के सामने ज्यादा देर तक नहीं टिक पाए। इसके बाद वॉशिंगटन सुंदर फिर से दृढ़ इरादों के साथ क्रीज पर उतरे थे और पंत के साथ उनकी साझेदारी महत्वपूर्ण साबित हुई।

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