अयोध्या में मस्जिद निर्माण : 26 जनवरी को रखी जाएगी धन्नीपुर मस्जिद की नींव

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 26 जनवरी को मस्जिद की नींव रखी जाएगी। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) इसको लेकर तैयारी में जुट गया है। यह कार्यक्रम बेहद सादगी के साथ मनाया जाएगा। नींव रखने के बाद तिरंगा फहराया जाएगा। अयोध्या जिले में सोहावल ब्लॉक के धन्नीपुर गांव में योगी सरकार ने यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन मस्जिद निर्माण के लिए आवंटित की थी। IICF के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि 26 जनवरी को देश का संविधान बना। जिसमें देश के गरीब अमीर व सभी वर्ग के लोगों को न्‍याय का समान अधिकार मिला। ट्रस्ट सदस्‍यों की राय है कि मस्जिद की नींव भी इसी तारीख को रखी जाए। जिससे देश के सभी वर्ग के लोगों को समान अधिकार के साथ जोड़ने का संदेश जाए।

सचिव ने बताया कि कार्यक्रम साधारण ही होगा। जिसमें मस्जिद की नींव रख कर तिरंगा फहराया जाएगा। लेकिन कार्यक्रम का सारा दारोमदार मस्जिद के नक्शे को पास करवाने के लिए जमा करने पर निर्भर करेगा। धन्नीपुर मस्जिद के आर्किटेक्ट जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में आर्किटेक्ट विभाग के डीन प्रोफेसर एसएम अख्‍तर नक्शा पास करवाने के लिए सबमिशन आर्किटेक्ट डिजाइन तैयार कर रहे हैं। जिसे अयोध्या विकास प्राधिकरण में जमा करवाया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि अगर नक्‍शा जमा हो जाएगा तो 26 जनवरी को मस्जिद का फाउंडेशन स्‍टोन रखने का कार्यक्रम संपन्न होगा।

धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद के डिजाइन पर बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने तीन दिन पूर्व आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आम सदस्यों की राय है कि बाबरी मस्जिद की जगह से जमीन एक्सचेंज में लेना शरियत के खिलाफ है। इस मस्जिद का निर्माण ही शरियत के खिलाफ है और इसे जायज नहीं कह सकते।

जवाब में IICF सचिव अतहर हुसैन ने कहा था कि बाबरी मस्जिद का इस मस्जिद से कोई लेना-देना नहीं है। यह नई मस्जिद बन रही है जिसमें बाबरी मस्जिद का कहीं कोई झलक तक नहीं दिखाई देगी। इसके आर्किटेक्ट डिजाइन से यह बात बिल्कुल साफ हो गई है। ऐसे में नई मस्जिद पर शरियत के कानून को थोपने का कोई औचित्य नहीं है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker