हमीरपुर: हल्की बूंदाबांदी के बीच मंगलवार रात में हुई झमाझम बारिश

हमीरपुर। दो दिनों से हो रही हल्की बूंदाबांदी के बीच मंगलवार रात में हुई झमाझम बारिश से किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है। वहीं कुछ किसानों को तिल की फसल खराब होने की संभावना दिख रही है। फिलहाल बारिश से किसानों को अब अतिरिक्त मेहनत व खर्च वहन नहीं करना पड़ेगा।
पलेवा से बचत होने पर नलकूपों को चलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे भूगर्भ जल का दोहन बचेगा। कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनपद में तीन लाख 14 हजार 470 हेक्टेयर खेती योग्य भूमि है। जिसमें एक लाख 3100 हेक्टेयर में खरीफ सीजन में किसानों ने तिल, ज्वार, मूंगफली, बाजरा, मक्का, धान, उड़द व मूंग आदि की फसलें बोई हैं। जिसमें करीब 115 करोड़ की लागत किसानों ने लगाई है।सुमेरपुर विकासखंड के पत्योरा गांव निवासी किसान करन सिंह ने बताया करीब 6 हेक्टेयर में तिल की फसल पकी खड़ी है। फसल बीमा भी कराया है, लेकिन अत्यधिक बारिश से पूरी फसल बर्बाद हो गई है। जिसका दावा संबंधित बीमा कंपनी को किया है। तिल की फसल को छोड़कर बारिश सभी फसलों के लिए लाभदायक है। मुच्छीताला निवासी किसान रामप्रकाश निषाद ने बताया तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश होने से एक बीघे की धान फसल गिर गई है। हालांकि इससे कोई खास नुकसान नहीं है। बताया रबी सीजन के लिए तैयार पड़े खेतों में अब पलेवा करने की कोई जरूरत नहीं है। असिंचित जमीनों में भी अब फसल बोई जा सकेगी।
कारीमाटी निवासी किसान कृष्ण बहादुर सिंह ने बताया करीब तीस बीघा जमीन पलेवा के लिए पड़ी थी। वह खेत में पलेवा करने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन बारिश होने से उसकी मेहनत व लागत बच गई है। कहा कि ये बारिश सभी फसलों के लिए अमृत के समान है। इस बारिश से किसानों को बहुत लाभ होगा।
क्या करें किसान
कृषि विज्ञान केंद्र कुरारा के वैज्ञानिक डा. चंचल सिंह ने बताया मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले 2 से 3 दिन बादल छाए रहेंगे। कहा अभी हल्की व मध्यम बारिश व 9.8 से 19.3 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। किसान खाली पड़े खेतों की डिस्क हैरो से जुताई करें। साथ ही नमी रहने के लिए पाठा जरूर लगाएं। वहीं मेड़, नालियों व खेतों को साफ कर खरपतवारों को हटाएं। उड़द, मूंग व तिल की पकी तैयार फसलों को अतिशीघ्र कटाई कर सुरक्षित स्थानों पर रखें। कहा धान की फसल में बालियां निकलने की अवस्था पर गंधी कीट का प्रकोप बढ़ जाता है। जिसके नियंत्रण के लिए मिथाइल पैराथियान पाउडर से छिड़काव करें। वहीं अगेती सब्जी मटर के लिए खेत तैयार करें।
50 फीसदी अनुदान पर उपलब्ध होगा बीज
बारिश होने से रबी सीजन की बुआई आसान हो गई है। उनके बीज गोदामों में उन्नति प्रजाति के दलहनी व तिलहनी बीज उपलब्ध हैं। किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर दिए जा रहे हैं। वहीं प्रदर्शन बीज में 90 फीसदी अनुदान है। कहा 1400 हेक्टेयर के लिए प्रदर्शन बीज आया है। जिसमें 961 क्विंटल चना व 60 क्विंटल मसूर व मटर आदि के बीज उपलब्ध हैं। कहा बारिश से जो फसल कट चुकी है। उनमें जरूर थोड़ा बहुत नुकसान हो सकता है। लेकिन रबी सीजन के लिए यह बारिश अच्छी है। – डा. सरस कुमार तिवारी, जिला कृषि अधिकारी

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