गोरखनाथ मंदिर में 31 अगस्‍त से सात दिवसीय समारोह होगा प्रारम्भ, CM योगी भी होंगे शामिल

ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 51वीं पुण्यतिथि और महंत अवेद्यनाथ की छठी पुण्यतिथि पर आयोजित होने वाला समारोह 31 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। सात दिवसीय आयोजन का समापन छह सितंबर को होगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए मंदिर प्रबंधन ने सभी आयोजन ऑनलाइन करने का फैसला किया है। सभी आयोजनों का लाइव प्रसारण मंदिर के फेसबुक पेज और यूट्यूब से होगा। मंदिर प्रबंधन ने इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली है।

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कार्यक्रम के अंतिम दो दिन क्रम से पांच सितंबर को ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और छह सितंबर को महंत अवेद्यनाथ की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। इन दोनों आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे। पुण्यतिथि समारोह के दौरान गोरखनाथ मंदिर परिसर में हमेशा की तरह श्रीरामकथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया जाएगा। कथा का आयोजन मुख्य समारोह से एक दिन पूर्व यानी 30 अगस्त से शुरू होकर समापन समारोह से एक दिन पहले यानी पांच सितंबर तक होगा। मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में स्थापित व्यासपीठ पर कथावाचक के रूप में अयोध्या के स्वामी श्रीराघवाचार्य विराजमान होंगे। कथा की शुरुआत 30 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे कथा शोभायात्रा के साथ होगी। शोभायात्रा गुरु श्रीनाथ जी के मंदिर से निकलकर कथा स्थल पर जाकर समाप्त होगी, जहां अखंड ज्योति की स्थापना के बाद कथाव्यास व्यासपीठ पर प्रतिष्ठित होंगे। कथा शाम तीन से छह बजे के बीच सुनाई जाएगी। पांच सितंबर को हवन व भंडारे का आयोजन किया गया है। रामकथा के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी मौजूद रहने की संभावना है।

श्रद्धांजलि सभा और श्रीराम कथा में होगी 80 लोगों की मौजूदगी

कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिजिकल डिस्टेंसिंग के पालन के क्रम में श्रद्धांजलि सभा और श्रीराम कथा में सीधे तौर पर सिर्फ 80 लोग ही मौजूद रहेंगे। इसके लिए दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में छह-छह फीट की दूरी पर कुर्सियां लगाई जाएंगी। इन कुर्सियों पर बैठने वालों के नाम भी तय होंगे। ऐसे में रामकथा में शामिल होने वाले यजमान और उनके परिवार वालों को ही कुर्सियों पर स्थान मिल पाएगा। बाकी इच्छुक लोग इन आयोजनों में ऑनलाइन माध्यम से ही शामिल हो सकेंगे। पुण्यतिथि समारोह के दौरान श्रद्धाजलि सभा के पहले दिन से पूरे विधि-विधान से रामचरित मानस के अखंडपाठ की परंपरा है। अखंड पाठ का आयोजन दोनों ब्रह्मलीन महंतों के समाधि स्थल पर किया जाएगा। प्रबंधन के मुताबिक इस बार पाठ की शुरुआत पांच  सितंबर की सुबह 10 बजे से होगी और जिसका समापन छह सितंबर को सुबह 10 बजे होगा।

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