वर्षा के मौसम में सम्भल कर करें सब्जियों का सेवन, वरना हो सकता है हेल्थ के लिए हानि कारक

स्वास्थ रहने व इम्युनिटी बनाए रखने के लिए बहुत मुफीद होती हैं हरी सब्जियां. जिनमे प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व, विटामिंस, कैल्शियम और आयरन मौजूद होता है. स्वास्थ्य के लिहाज से अगर पोषक तत्वों की बात की जाए तो हरी सब्जियों से सस्ता दूसरा विकल्प नहीं बचा है. लेकिन वर्षा के मौसम में ये हरी सब्जियां आपकी सेहत भी बिगड़ सकती हैं.

बेशक संपूर्ण पोषण के लिए हरी सब्जियों का सेवन जरुरी है पर ध्यान रहे कि इस मानसून बैक्टीरिया के साथ ही सब्जियों में लगने वाले कई प्रकार के कीड़ों का संक्रमण भी बढ़ने लगता है. प्राय: यह कीड़े बहुत सूक्ष्म और हरे रंग होते हैं, इसलिए नज़र नहीं आते है. सब्जियों के खेतों से टूटने के उपरांत सब्जी मंडी और फिर बाजार से आपके किचन तक पहुंचने में इनकी स्वच्छता पर कतई ध्यान नहीं दे रहे है. ऐसे में जरा सी भूल आपकी सेहत को नुकसान पंहुचा सकती है.

कोविड-19 संक्रमण के चलते स्वच्छता को लेकर हर कोई सजग है पर सब्जियों के उपयोग में सफाई का खास ख्याल रखना आवश्यक है. वर्षा के दिनों में चटख धूप कम निकलती है इसलिए बैक्टीरिया का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. धूप न मिलने की वजह से हरी सब्जियों में बैक्टीरिया के साथ कीड़े तेजी से पनपते हैं. यदि इनकी सफाई ठीक से न की जाए तो यह पेट में पहुंचकर लूज मोशन, पेट दर्द, ऐंठन, डायरिया, कालरा, उल्टी, डिहाइड्रेशन, आंतों का संक्रमण आदि की वजह बनती हैं. सालमोनेला जारडियासिस व हेलीकोबैक्टर पिलोरी बैक्टीरिया और एमेबियासिस वर्षा के मौसम में ही सर्वाधिक सक्रिय होते हैं. बंदगोभी, चौलाई, पालक, मूली, और अरबी पत्ता के साथ ही टिंडा, तरोई, भिंडी और करेला जैसी सब्जियां भी स्वच्छता के अभाव में पेट की बीमारियों को बढ़ा रही है.

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