बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मोहम्मद अख्तर ने फंदे से लटक कर की खुदकुशी

बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मोहम्मद अख्तर ने फंदे से लटक कर खुदकुशी कर ली। कॉलेज परिसर में ही स्थित सरकारी आवास में छत के कुंडे से बंधे दुपट्टे से लटकता शव मिला। कमरे से पुलिस ने सुसाइड नोट भी बरामद किया है, जिसमें उन्होंने माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कोरोना मरीजों का सैंपल एकत्र करने की ड्यूटी लगाए जाने से क्षुब्ध होकर जान देने की बात लिखी है। इसके साथ ही उन्होंने कॉलेज के एक डॉक्टर और कुछ कर्मचारियों पर उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया है।

मूलरूप से गोरखनाथ इलाके के चक्सा हुसैन निवासी मोहम्मद अख्तर (35) मेडिकल कॉलेज परिसर में ही टाइप वन के आवास संख्या 99 में पत्नी रुखसाना के साथ रह रहे थे। पत्नी सात माह की गर्भवती हैं। डॉक्टर की सलाह पर दोपहर में वह अल्ट्रासाउंड कराने गई थीं। मोहम्मद अख्तर घर में अकेले थे। गोरखनाथ निवासी बहनोई अमन को फोन कर बताया कि वह काफी परेशान हैं। इससे निजात पाने के लिए खुदकुशी करने जा रहे हैं। इतना कहने के बाद अख्तर ने फोन काट दिया। अमन ने पलटकर कई बार फोन किया, लेकिन अख्तर का फोन नहीं उठा। इस पर अमन ने उनकी पत्नी और भाइयों को फोन कर जानकारी दी। परिवार के लोग मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो आवास का मुख्य दरवाजा अंदर से बंद मिला। कुंडी तोड़कर अंदर जाने पर फंदे से लटकता अख्तर का शव मिला। पुलिस ने उनका मोबाइल फोन और कमरे में मिला सुसाइड नोट कब्जे में ले लिया है।

सुसाइड नोट में मोहम्मद अख्तर ने लिखा है कि वह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे। उनसे चपरासी का ही काम लिया जाना चाहिए था, लेकिन माइक्रोबायोलॉजी विभाग में उन्हें कोरोना मरीजों का सैंपल एकत्र करने में लगा दिया गया। उनकी शादी के 10 साल हो गए हैं। काफी उपचार के बाद पहली बार पत्नी, मां बनने वाली हैं, इसलिए कोरोना मरीजों का सैंपल एकत्र करने की ड्यूटी वह नहीं करना चाह रहे थे। सुसाइड नोट में उन्होंने इसके लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर तथा प्राचार्य कार्यालय के तीन कर्मचारियों पर उत्पीडऩ का आरोप लगाया है।

मां की जगह मिली थी नौकरी

मोहम्मद अख्तर, चार भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। उनकी मां गुड््डी मेडिकल कॉलेज में कर्मचारी थीं। सेवाकाल में ही उनका निधन हो जाने के बाद उनकी जगह मोहम्मद अख्तर को नौकरी मिली थी। कुछ दिन पहले तक वह प्राचार्य कार्यालय में कार्यरत थे। 27 जून को उनका तबादला माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कर दिया गया था। मोहम्मद अख्तर की पत्नी रुखसाना ने भी पुलिस को दिए बयान में पति का उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया है।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने खुदकुशी की है। उनकी जेब से सुसाइड नोट मिला है। इसमें उन्होंने एक डॉक्टर सहित कई अन्य लोगों पर आरोप लगाया है। इसको ध्यान में रखकर छानबीन की जा रही है। – मनोज राय, इंस्पेक्टर गुलरिहा

कर्मचारी के खुदकुशी करने का गहरा दुख है। यदि कोई समस्या थी, तो उसे मुझसे बात करनी चाहिए थी। कर्मचारी से कोई अतिरिक्त काम नहीं लिया जा रहा था। – डा. गणेश कुमार, प्राचार्य

आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी से उसके पद के अनुरूप ही काम लिया जा रहा था। कोरोना मरीजों का सैंपल प्रशिक्षित कर्मचारी ही लेता है। मोहम्मद अख्तर इसके लिए प्रशिक्षित नहीं थे, इसलिए उन्हें इस काम में लगाने का सवाल ही नहीं उठता। – डा. अमरेश सिंह, विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी। 

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