क्यों महीने की पांच तारीख से पहले PPF Account में कर देना चाहिए निवेश,

पीपीएफ में निवेश कर रहे लोगों को एक बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। उन्हें हर महीने की पांच तारीख से पहले अपने पीपीएफ अकाउंट में निवेश कर देना चाहिए। ऐसा करने पर निवेशक को उसकी जमा पर अधिक ब्याज मिल पाएगा। इसलिए पीपीएफ निवेशक अगर ज्यादा ब्याज कमाना चाहते हैं, तो उन्हें अपने पीपीएफ खाते में महीने की पांचवीं तारीख से पहले ही पैसे डाल देने चाहिए। आइए जानते हैं कि पीपीएफ में किस तरह से ब्याज की गणना होती है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) का नियम है कि इसमें ब्याज की गणना महीने की पांच तारीख से महीने के आखिर तक पीपीएफ अकाउंट में जमा न्यूनतम बैलेंस पर होती है। ऐसे में अगर पांच तारीख से पहले ही पैसे डाल दिये जाएं, तो ब्याज की गणना की अवधि के दौरान न्यूनतम बैलेंस अधिक रहता है। यहां बता दें कि पीपीएफ में ब्याज की गणना हर महीने होती है, लेकिन वित्त वर्ष के आखिर में ही इसे क्रेडिट किया जाता है।

उदाहरण के लिए अगर किसी पीपीएफ अकाउंट में महीने की पांच तारीख को एक लाख रुपये हैं और निवेशक ने छह तारीख को 1.5 लाख रुपये अतिरिक्त जमा कराए हैं, तो ब्याज की गणना पांच तारीख से महीने के अंत तक की अवधि के न्यूननतम बैलेंस अर्थात एक लाख रुपये पर ही होगी। इसका मतलब है कि उस महीने निवेशक को 1.5 लाख रुपये पर मिलने वाले ब्याज का नुकसान हो जाएगा।

पीपीएफ सरकार द्वारा समर्थित सेविंग स्कीम है। पीपीएफ की सबसे खास बात यह है कि यह EEE स्टेटस के साथ आती है। अर्थात इस निवेश योजना में तीन स्तर पर ब्याज में छूट मिलती है। इस योजना में मैच्योरिटी राशि और ब्याज आय भी करमुक्त होती है। इस योजना में निवेश करके निवेशक हर साल 1.5 लाख रुपये का आयकर बचा सकता है। आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत आयकर में यह छूट निवेशक पुराने टैक्स स्लैब का चयन कर प्राप्त कर सकते हैं।

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