शिवपाल सिंह यादव फिर बनेंगे समाजवादी पार्टी के नेता: रामगोविंद चौधरी

विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने समाजवादी पार्टी को शिवपाल सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के लिए दायर की गई याचिका को वापस लेने की इजाजत दे दी है।

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने पिछले दिनों सपा की तरफ  से विधानसभा अध्यक्ष से याचिका वापस लेने की अनुमति देने का आग्रह किया था।

विधानसभा अध्यक्ष ने गुरुवार को इसकी मंजूरी दे दी। इसको लेकर सियासी गलियारों में मुलायम परिवार में एका के कयास लगाए जा रहे हैं। सपा ने 4 सितंबर 2019 को शिवपाल की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की याचिका दायर की थी।

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि याचिका का परीक्षण किया जा रहा था कि इसी बीच नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने 23 मार्च 2020 को यह कहते हुए कि याचिका प्रस्तुत करते वक्त कुछ महत्वपूर्ण अभिलेख और साक्ष्य संलग्न नहीं किए जा सके थे। इसलिए उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए।

मुलायम परिवार में खटपट के बाद अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के रूप में दो केंद्र बन गए हैं। बोलचाल न होने के बावजूद शिवपाल 2017 विधानसभा का चुनाव सपा के टिकट पर ही जसवंतनगर से लडे़ और निर्वाचित हुए थे।

पर, बाद में अखिलेश से खटपट इतनी बढ़ी कि शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बना ली और पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार भी उतारे।

भले ही नेता प्रतिपक्ष की तरफ  से याचिका वापस लेने का कारण जरूरी साक्ष्य व अभिलेखों को संलग्न करना बताया गया हो लेकिन सूत्रों के अनुसार मामला बस इतना भर नहीं है। मुलायम सिंह यादव शुरू से ही अपने परिवार में हुए इस बिखराव से चिंतित व परेशान हैं।

शिवपाल काफी दिनों से समाजवादियों के एक मंच पर आने की वकालत करते रहे हैं। पिछले दिनों अखिलेश यादव ने भी समाजवादियों के एक होने की जरूरत स्वीकार की थी।

बताया जाता है कि पिछले दिनों मुलायम सिंह के अस्वस्थ होने पर परिवार के सदस्य कई बार एक साथ बैठे तब भी इस बारे में बातचीत हुई।

हिचक के बावजूद किसी न किसी रूप में एक दिखने और मुलायम की राजनीतिक पूंजी को संजोए व सुरक्षित रखने की जरूरत महसूस की गई। याचिका वापस लेने का मामला इसी का नतीजा माना जा रहा है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker