राज्य सरकारें देंगी प्रवासी मजदूरों का किराया और खाना : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली
देश भर में फंसे प्रवासी मजदूरों की समस्या और उन पर आई विपत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि मजदूरों से बस, ट्रेनों का किराया नहीं लिया जाएगा।

कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य सरकारें मजदूरों का किराया देंगी और उनको घर पहुंचाने की व्यवस्था करेंगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य सरकारें मजदूरों की वापसी में तेजी लाएं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रवासी श्रमिकों से ट्रेन या बस का कोई किराया नहीं लिया जाएगा। अदालत ने कहा कि विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए सभी प्रवासी कामगारों को संबंधित राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा उन स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा मजदूरों को ट्रेन या बसों में चढ़ने का समय भी बताया जाएगा।

जिस राज्य से प्रवासी मजदूर चलेंगे वहां स्टेशन पर उनके भोजन और पानी का इंतजाम किया जाएगा। राज्य प्रवासी श्रमिकों के पंजीकरण की देखरेख करेगा और यह सुनिश्चित करने के लिए कि पंजीकरण के बाद, वे एक प्रारंभिक तिथि पर ट्रेन या बस में चढ़े।

पूरी जानकारी सभी संबंधित लोगों को बताया जाएगा। बेंच ने साफ किया कि वह केंद्र सरकार नहीं बल्कि राज्य सरकारों को निर्देश जारी कर रही है।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ पेश Solicitor General तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि यह अभूतपूर्व संकट है और हम अभूतपूर्व कदम उठा भी रहे हैं।

 

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