शादी में दूल्हे से जबरन नेग नहीं ले सकेंगी सालियां, जानिये किसने लगायी रोक

मुस्लिम छीपी बिरादरी के अंतरराज्यीय सेमीनार में छह नये कानूनों में संशोधन कर उन्हे पास किया गया। नये कानून के मुताबिक नेग के लिए विदाई के वक्त दूल्हे की कार के आगे सालियों के लेटने, बारात का फूलों से स्वागत, दूल्हे से रिबन कटवाने पर पाबंदी लगाई गई है। सेमीनार में पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि हाजी जाहिद ने बीस सदरों को शॉल भेंट कर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि शादी-विवाह में फिजूल खर्ची को रोकने एवं छीपी समाज में पनप रही बुराइयों को रोकने के लिए प्रदेश में छीपी बिरादरी की शाखायें सक्रिय हैं।

जसपुर को सर्वाधिक छीपी बिरादरी होने का गौरव प्राप्त हुआ है। इस क्रम में मंगलवार को रहमानिया पैलेस मेंआयोजित मुस्लिम छीपी बिरादरी के यूपी एवं उत्तराखंड के सेमिनार में करीब दो सौ से अधिक लोगों ने शिरकत की। सेमीनार में संचालक अतीकुर्रहमान रहबर ने नये एवं पुराने कानूनों की प्रतियॉ सौंपकर छह कानूनों में सर्वसम्मति से संशोधन कराया। रहबर ने बताया कि कमेटियों से बिरादरी के के बारे में जानकारी लेने एवं उन्हें सक्रिय करने को सेमिनार बुलाया गया है। कहा कि बिरादरी के पदाधिकारियों ने तय किया है कि गैर इस्लामिक कार्यो पर पाबंदी रहेगी।  अध्यक्षता सदर हाजी आसिफ ने की। सेमिनार में अनीस अहमद, मास्टर हामिद, शाहिद हुसैन, हाजी हमीद,मा. आबिद, मो. इस्लाम, हनीफ सदर,सईद सदर, रईस अहमद, सुहैल अहमद, शहजाद सिददीकी, हाजी जाहिद, हाजी नफीस, शाहिद हुसैन, फकीरा, आतिफ, समेत यूपी एवं उत्तराखंड के विभिन्न शहरों के लोग मौजूद रहे।

इन कानूनों में हुआ संशोधन

  • निकाह का नजराना 500 के बजाय 1000 का होगा
  • बारात में अब 200 बाराती जायेंगे, इनमें दस महिलायें भी होंगी, पहले यह संख्या 175 थी
  • सगाई में अब 50 लोग जायेंगे, इनमें महिलायें भी शामिल रहेगी। पहले केवल 35 लोग ही सगाई में जाते थे
  • रिश्ता तोड़ने पर तीस हजार रुपये लड़की पक्ष को देने होंगे, पहले यह रकम बीस हजार थी
  • मैरिज हॉल में दहेज में देने वाले वाहन खड़े नहीं होंगे, ऐसे वाहन मिलने पर कमेटी उन्हें जब्त करेगी
इन कानूनों पर अमल कराने पर जोर  
सेमिनार में पूर्व में पास कानूनों को सख्ती से पालन कराने की बात कही गई। इसमें जूता चुराई, पान खिलाई की रस्म को बंद करने, बारात को खडे़ होकर खाना नहीं खिलाने, दहेज की नुमाइश नहैं करने आदि पर नियम रहे। 

14 साल में बिरादरी को हुआ लाखों का फायदा
जसपुर। एक जनवरी 2006 से छीपी समाज में पनप रही बुराइयों एवं शादी-विवाह में फिजूलखर्ची को रोकने के लिए बनी अंजुमन हमदर्द-ए-मिल्लत कमेटी से 14 सालों में छीपी बिरादरी के लोगों को लाखों का लाभ हुआ है। वह इन वर्षो में इतनी धनराशि की फिजूलखर्ची से बच गये। 14 वर्ष पूर्व छीपी बिरादरी के सेमिनार में बिरादरी के विकास, बुराइयों एवं फिजूल खर्ची को रोकने के लिए कई कानून बनाये गये थे। इनमें बारात में अधिक बाराती न ले जाने, शादी में मूवी न बनाने, बैंडबाजे पर रोक, मंगनी में कम लोगों को ले जाने जैसे नियम प्रमुख रूप से पास कर लागू किये गये थे।

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