करदाताओं की बचत बढ़ाने के लिए PPF, NSC की बढ़ सकती है सीमा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार अगले बजट में वेतनभोगी करदाताओं को और अधिक प्रोत्साहन देने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। वित्त मंत्रालय आयकर की धारा 80 के तहत बचत के लिए 2.5 लाख रुपए तक की कर छूट की अनुमति दे सकता है और आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत एक अलग सेगमेंट कर सकता है। इसमें राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) के लिए 50,000 रुपए तक की कर छूट दी जा सकती है।

इसके अलावा सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) निवेशकों के लिए 2.5 लाख रुपए की अधिकतम निवेश सीमा की अनुमति भी दे सकता है। इस मामले के बारे में जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि छोटी बचत योजना, विशेष रूप से पीपीएफ और एनएससी पर कर प्रोत्साहन की अनुमति देने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास है। अगर इसे आगे बढ़ाया जाता है, तो बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है। इन राजकोषीय प्रोत्साहन से बचतकर्ताओं के हाथों में अधिक पैसा आएगा।

वर्तमान में आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए की छूट है, जिसमें पीपीएफ खाते में किए गए निवेश शामिल हैं। एनएससी भी उस छूट में शामिल है। भारत के घरेलू क्षेत्र की बचत दर साल 2017-18 में घटकर 17.2 फीसद हो गई है, जो साल 2011-12 में मौजूदा जीडीपी में 23.6 फीसद थी। वित्तीय वर्ष 2019 का डेटा उपलब्ध नहीं है। साल 2011-12 के बाद से वित्तीय परिसंपत्तियों में घरेलू बचत जीडीपी का करीब सात प्रतिशत है।

घरों की कुल सकल वित्तीय बचत में सबसे बड़ी हिस्सेदारी बैंकों की है, जहां करीब 27 फीसद बैंड जमा है। सरकार की योजना बचतकर्ताओं के हाथों में अधिक पैसा पहुंचाने और उपभोग को बढ़ाने की है। अगर हम यह मान लें कि 5 लाख रुपये या उससे अधिक आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या 3 करोड़ से अधिक है, तो पीपीएफ की सीमा 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए करने की वजह से होने वाली संभावित बढ़ी हुई बचत बहुत अधिक होगी।

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